स्टील क्या है | स्टील के प्रकार | कार्बन स्टील और स्टेनलेस स्टील में अंतर

नमस्कार दोस्तों ; आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसे मटेरियल के बारे में समझेंगे , जिसका उपयोग हमारे घर से लेकर हरेक इंडस्ट्रीज , व्हीकल , कार , शिप , इत्यादि में होता है। 

जर्मनी एक स्टेट्समैन ने कहा था , किसी भी देश के विकास के लिए lecture और मीटिंग्स की जरुरत नहीं है , जरुरत है तो स्टील और ब्लड की।

क्योंकि आपको पता है दोनों में क्या समानता है , स्टील और ब्लड दोनों में आयरन होता है और आयरन सबसे जयादा स्टील के मिश्रधातु के रूप में उपयोग होता है।

इसीलिए आज हम स्टील को विस्तार से जानेंगे।

तो आईये समझते है –

 

स्टील क्या है ?

आमतौर पर स्टील एक फेरस मटेरियल है जो लोहा और कार्बन का मिश्रधातु होता है। 

जिसमे 90% से जायदा तक लोहा और 0 -2% तक कार्बन, 1% मैंगनीज , और सिलिकॉन, फास्फोरस, सल्फर और ऑक्सीजन की थोड़ी मात्रा हो सकता है।  

शुद्ध लोहा का मेल्टिंग पॉइंट 1540 डिग्री सेल्सियस होता है , जिससे की ये स्टील के अपेक्षा सॉफ्ट और कम मजबूत होता है। 

इसलिए स्टील में  कार्बन का मिश्रधातु का उपयोग किया जाता है , जिससे की स्टील , लोहा के अपेक्षा जयादा मजबूत होता है । 

स्टील दुनिया में सबसे जयादा इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन में उपयोग किया जाने वाले मटेरियल में से एक है। 

स्टील का उपयोग सामान्यतः इंडस्ट्रीज , कंस्ट्रक्शन , वाशिंग मशीन , फ्रिज , कार , कार्गो शिप  इत्यादि में होता है । 

स्टील कैसे बनता है ?

लौह अयस्क को 2600°F से ऊपर तापमान पर furnace में गर्म करके impurities को हटाया जाता है उसके बाद उसमे कार्बन मिलाया जाता है। 

आजकल जयादातर स्टील बनाने के लिए ब्लास्ट फर्नेस या electric arc furnace ( EAF ) का उपयोग किया जाता है। 

 

स्टील के प्रकार :

स्टील मुख्यतः दो प्रकार के होते है : 

1.प्लेन कार्बन स्टील (Plain Carbon Steel) और 

2.एलाय स्टील (Alloy Steel)

1.प्लेन कार्बन स्टील (Plain Carbon Steel)

प्लेन कार्बन स्टील वो होता है जिसमे सिर्फ एक एलाय , कार्बन होता है। आमतौर पर प्लेन कार्बन स्टील का गुण, इसके कार्बन के परसेंटेज पर निर्भर करता है। 

इसलिए प्लेन कार्बन स्टील को कार्बन के परसेंटेज के हिसाब से बाटा गया है , जो की इस प्रकार से है

A) Low कार्बन स्टील (Low Carbon Steel)

Low कार्बन स्टील को डेड कार्बन स्टील भी कहा जाता है , जिसमे कार्बन 0.15% से कम होता है। ये बहुत लचीला और इसमें जुड़ने की क्षमता जयादा होता है। 

इसीलिए इसका उपयोग पतला शीट्स , वायर रोडस ,शॉक लोडिंग पार्ट्स इत्यादि में जयादा होता है। 

B) माइल्ड स्टील (Mild Steel)

माइल्ड स्टील में भी जुड़ने के क्षमता अच्छा होता है , इसमें कार्बन( 0.15- 0.3% ) होता है , इसका उपयोग कंस्ट्रक्शन के काम , स्टम्पिंग , शीट , रोड , बार इत्यादि में जयादा होता है। 

C) मध्यम कार्बन स्टील (Medium Carbon Steel)

इसमें माइल्ड स्टील के अपेक्षा कम जुड़ने की क्षमता होती है , लेकिन ये माइल्ड स्टील से मजबूत होता है।  

इसमें कार्बन (0.7 %) से जयादा होता है। इसका उपयोग सामान्यतः रोटर और डिस्क , वायर रोप्स , स्टील के स्पोक , रेलवे अष्ले इत्यादि में होता है। 

D) हाई कार्बन स्टील (High Carbon Steel)

हाई कार्बन स्टील में (0.77% – 1.3%) कार्बन होता है। इसका उपयोग सामान्यतः बायलर बनाने वाले यन्त्र , लड़की बनाने यन्त्र , हैंड taps , reamers , ब्लेड्स , रेजर इत्यादि में होता है।  

हाई कार्बन स्टील का उपयोग quenching प्रोसेस से और जयादा हार्ड करके वैसे कटिंग टूल्स बनाने में भी किया जाता है जो जयादा गर्म वातावरण में उपयोग नहीं किया जाता हो क्योंकि हाई कार्बन स्टील 150 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाते ही अपना हार्डनेस खो सकता है। 

 

2.एलाय स्टील (Alloy Steel)

ये सामान्यतः कास्ट आयरन और कुछ एलाय के तत्व  जैसे की क्रोमियम , टंगस्टन ,कोबाल्ट , वनडियूम , सिलिकॉन इत्यादि के कम्पोजीशन से बने होते है। 

एलाय स्टील आपको अलग अलग प्रकार के देखने को मिल जायेंगे , हर एक एलाय स्टील एक स्पेशल उद्देश्य के लिए बनाये गए है। जैसे की 

A) स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel)

B) टूल्स स्टील (Tools Steel)और  

C) स्पेशल्स स्टील्स (Specials Steel)

तो आईये विस्तार से समझते है एलाय स्टील के बारे में-

A) स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel)

इसे स्टेनलेस स्टील इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें आसानी से जंग नहीं लगता है और इसमें स्क्रैच नहीं आता है। 

इसमें जयादातर क्रोमियम और निकल के alloying तत्व होते है। 

स्टेनलेस स्टील को तीन भागो में बाटा गया है –

a) फ्रैटिक स्टेनलेस स्टील (Ferritic Stainless Steel)

इसमें 0.15% कार्बन , 0.5% निकल और (6-12 %) क्रोमियम होता है।  

ये स्टेनलेस स्टील दूसरे स्टेनलेस के अपेक्षा सस्ता होता है। 

इसका उपयोग सामान्यतः सिक्का , डेरी के सामान , फ़ूड प्रोसेसिंग industry , chemical industry इत्यादि में होता है।

b) मार्टेन्सिटिक स्टेनलेस स्टील (Martensitic Stainless Steel)

इसमें क्रोमियम (12-18%) , कार्बन (0.15% – 1.2%) तक होता है। इसका इस्तेमाल जयादातर बोल्ट , nut , स्क्रू , ब्लेड्स इत्यादि में होता है। 

c) ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील (Austenitic Stainless Steel)

ये सबसे जयादा उपयोगी और महंगा स्टेनलेस स्टील होता है , इसमें क्रोमियम ( 18 % ) , निकल (8%) , कार्बन ( 0.08%- 0.2% ) , सिलिकॉन ( 0.75% ) और मैंगनीज ( 1.25 % ) होता है।  

ऐसे स्टेनलेस स्टील मे जंग प्रतिरोधक क्षमता जयादा होता है , इसीलिए जयादातर उपयोग वह होता है जहां जयादा जंग प्रतिरोध का जरुरत उच्च हो जैसे की केमिकल इंडस्ट्रीज। 

 

B) टूल स्टील्स (Tool Steel)

ये एक ऐसा स्टेनलेस स्टील है जो जयादा हार्ड होता है और उच्च तापमान पर भी ये अपना हार्डनेस को मेन्टेन करके रखता है। इसका सबसे वढ़िया उदहारण है , हाई स्पीड स्टील। 

जब हम हाई  स्पीड से काटते है तो स्वभाबिक है तापमान बढ़ता है जिससे की टूल टूटने का सम्भावना रहता है , लेकिन हाई स्पीड स्टील से बना टूल ( 600 -625 डिग्री सेल्सियस ) तक अपना हार्डनेस मेन्टेन करके रखता है। 

हैवी ड्यूटी टूल्स के हाई स्पीड स्टील में सामानयतः कोबाल्ट (10-12%) , टंगस्टन ( 20-22% ) , क्रोमियम ( 4 % ) , वनैडियम (2%) और कार्बन  (0.8%)  और बाकी आयरन होता है। 

 

C) स्पेशल एलाय स्टील्स (Special Alloy Steel)

स्पेशल एलाय स्टील्स को मुख्यतः 4 भागों में बाटा गया है –

a) मैंगनीज स्टील्स (Manganese Steels)

इस स्टील मे बहुत जयादा मात्रा में मैंगनीज होता है , ये हार्डनिंग के गुण पर काम करता है। इसका इस्तेमाल railways में होता है। 

b) निकल स्टील (Nickle Steel)

इसमें  5 % से जयादा निकल होता है , जिससे की इसमें जंग प्रतिरोधक क्षमता जयादा होता है।  

इसका इस्तेमाल टरबाइन के ब्लेड ,  वाल्वस , इंटरनल combustion इंजन ( IC Engine ) इत्यादि में होता है। 

c) क्रोमियम स्टील (Chromium Steel)

इसमें जयादातर क्रोमियम होता है जो अत्यंत सहनशक्ति (अल्ट्रा टेंसिल स्ट्रेंथ ) बढ़ाता है , इसका उपयोग सामान्यतः स्टील वायर , हीटर्स , फर्नेस इत्यादि में होता है। 

d) सिलिकॉन स्टील (Silicon Steel)

इसमें कार्बन (0.05 %) , सिलिकॉन (3.4 %) , मैंगनीज ( 0.3 %) होता है , इसका इस्तेमाल जयादातर स्प्रिंग और इलेक्ट्रिकल मशीन के lamination के लिए किया जाता है। 

 

कार्बन स्टील और स्टेनलेस स्टील में अंतर

कार्बन स्टील (Carbon Steel )

 स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel)

कार्बन स्टील में कार्बन जयादा होते है।

स्टेनलेस स्टील में क्रोमियम जयादा होते है।

कार्बन स्टील, स्टेनलेस स्टील के तुलना में  सॉफ्ट और मजबूत होते है।

स्टेनलेस स्टील, कार्बन स्टील के तुलना में हार्ड और कमजोर होते है।

कार्बन स्टील में स्टेनलेस स्टील के तुलना में जंग प्रतिरोधी क्षमता कम होते है।

स्टेनलेस स्टील में कार्बन स्टील के तुलना में जंग प्रतिरोधी क्षमता जयादा होते है।

कार्बन स्टील में बिना पॉलिशिंग के फिनिशिंग अच्छा नहीं होते है।

स्टेनलेस स्टील में  कार्बन स्टील के तुलना में अच्छा फिनिशिंग होते है।

कार्बन स्टील सस्ता होते है।

स्टेनलेस स्टील महंगा होते है।

Conclusion: दोस्तों आज हमने स्टील क्या है ? स्टील कितने प्रकार के होते है ? समझा।

यदि फिर भी स्टील से सम्बंधित कोई प्रश्न या सुझाव हो तो हमारे साथ जरूर शेयर करे। 

और हाँ दोस्तों आज का आर्टिकल कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करे।

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