नमस्कार दोस्तों ; आज हम एक ऐसे औजार के बारे में समझेंगे जो एक मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल दोनों टूल में आता है।
इसीलिए आज का आर्टिकल मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल के छात्र के लिए काफी अच्छा हो सकता है।
आज हम समझेंगे ड्रील मशीन के बारे , ड्रिल मशीन का उपयोग आजकल घर से लेकर हरेक इंडस्ट्रीज में होता है।
इसीलिए ये समझना जरुरी हो जाता है की ड्रिलिंग मशीन क्या है ? ड्रिल मशीन कितने प्रकार के होते है ? ड्रिलिंग मशीन से हम क्या क्या काम कर सकते है ?
तो आईये समझते है –
ड्रिलिंग मशीन क्या है ?
एक ड्रिल या ड्रिलिंग मशीन एक ऐसा औजार है जो आमतौर पर किसी ठोस धातु में गोलाकार छेद बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसमें एक बिट होता है जिसे हम ड्रिल बिट या रोटेटिंग टूल भी कहते है , जो आमतौर पर हाई स्पीड स्टील से बना होता है।
इसमें चक की मदद से एक बिट को लगाया जाता है जो बिभिन्न लम्बाई और मोटाई के हो सकते है।
ड्रिल बिट का साइज हमारे उपयोग पर निर्भर करता है।
ड्रिलिंग मशीन का उपयोग आमतौर पर लोहा सम्बंधित निर्माण के काम , लकड़ी के काम, धातु के काम, मशीन उपकरण निर्माण, भवन निर्माण सम्बंधित इत्यादि काम में गोलाकार छेद बनाने के लिए किया जाता है।
आमतौर पर इलेक्ट्रिक ड्रिलिंग मशीन जो हाथ से संचालित होते है जयादा लोकप्रिय है।
लेकिन इसमें कुछ नुकसान भी है इसीलिए आज कल बैटरी से चलने वाली ड्रिलिंग मशीन धीरे धीरे पॉपुलर होते जा रहा है।
ड्रिलिंग मशीन का मुख्य घटक :
ड्रिल बिट : ये आमतौर पर हाई स्पीड स्टील का बना होता है , जो चक के अंदर होता है।
चक : ये ड्रिल बिट को पकड़ने या टाइट करने का काम करता है।
स्पिंडल : ये चक से ऊपर और V पुल्ली से ठीक निचे होते है , जो मोटर द्वारा उत्पन्न ऊर्जा को पुल्ली की मदद से ड्रिल बिट तक पहुँचता है।
इसे ड्रिल फीड हैंडल की मदद से अपने वर्कपीस पर जरुरत के हिसाब से ड्रिल करने के लिए आगे पीछे कर सकते है।
बेस : ये ड्रिलिंग मशीन का सबसे निचे का भाग होता है , जिसके ऊपर टेबल क्लैंप के मदद से वर्कपीस टेबल होता है। जो सामान्यतः कास्ट आयरन का बना होता है।
टेबल : ये बेस से ठीक ऊपर होता है जो सामान्यतः आयताकार होता है जिसपर vice होता है जिसमे हमारा वर्कपीस होता है।
टेबल क्लैंप : ये टेबल को जरुरत के हिसाब से ऊपर निचे करने के लिए होता है।
ड्रिल फीड हैंडल : ड्रिल फीड हैंडल आमतौर पर स्पिंडल के ऊपर होता है, जिसमे रैक और पिनियन होता है जो वर्कपीस के हिसाब से स्पिंडल को एडजस्ट करने का काम करता है।
मोटर : मोटर पुल्ली की मदद से ड्रिल बिट तक power देता है।
पुल्ली : ये मोटर से उत्पन्न power को ड्रिल बिट तक पहुंचने में मदद करता है।
ड्रिल मशीन के प्रकार :
वैसे तो ड्रिल मशीन बहुत प्रकार के होते है , और आपको मार्किट में बहुत प्रकार के ड्रिल मशीन देखने को मिल जायेगा लेकिन आज हम वैसे ड्रिल के बारे में समझेंगे जो जयादातर उपयोग में आते है –
Bench ड्रिलिंग मशीन ( Bench Drilling Machine )
इसे संवेदनशील ड्रिलिंग मशीन भी कहा जाता है , ये ड्रिलिंग मशीन light ड्यूटी के लिए उपयोग किये जाते है
जिसमे स्पिंडल का स्पीड बहुत जयादा होता है और इसमें हम ज्यादा से ज्यादा 12 mm dia तक का होल कर सकते है।
पिलर टाइप ड्रिलिंग मशीन (Pillar Type Drilling Machine )
ये बेंच ड्रिलिंग मशीन जैसे ही होते है,लेकिन ये हैवी ड्यूटी के लिए उपयोग किये जाते है जिसमे टेबल को थोड़ा बहार तक लाया जा सकता है इसमें हम 70 mm की व्यास तक होल कर सकते है।
रेडियल ड्रिलिंग मशीन (Radial Drilling Machine)
रेडियल ड्रिलिंग मशीन का उपयोग जयादातर हैवी या जयादा हाइट wale जॉब्स के लिए किया जाता है क्योंकि हैवी जॉब्स में वर्कपीस का मूवमेंट बहुत काम होता है और ये इस तरह का होता है जो किसी भी हिस्से को बिना हिलाये आसानी से घूम सकता है।
मल्टीप्ल स्पिंडल ड्रिलिंग मशीन (Multiple Spindle Drilling Machine)
Multiple स्पिंडल ड्रिलिंग मशीन एक ही time में एक से जयादा होल कर सकते है , क्योंकि इसमें एक से स्पिंडल भी होते है , कुछ मल्टीप्ल स्पिंडल ड्रिलिंग मशीन ऐसे भी है जिसमे 25 से जयादा स्पिंडल होता है।
ये ड्रिलिंग मशीन वहां उपयोगी होता है जहा बड़े पैमाने पर उत्पादन की जरुरत होती है।
कॉर्डेड ड्रिल (Corded Drill)
ये ड्रिल मशीन दूसरी पावर ड्रिल मशीन के अपेक्षा हलकी और छोटी होती है जो जयादातर लकड़ी और घरेलु उपयोग किया जाता है।
कोर्डलेस ड्रिल (Cordless Drill)
ये ड्रिल आजकल जयादा प्रचलित है क्योंकि ये वायरलेस होता है , इसमें कोई वायर या इलेक्ट्रिसिटी का झंझट नहीं होता है , इसे जब चाहो आसानी से कही भी ले जा सकते हो और इसका उपयोग कर सकते हो।
इसमें बैटरी होती है जो औसतन 2 घंटे तक चलती है इसिलए इसका उपयोग लाइट ड्यूटी के लिए किया जाता है।
गैंग ड्रिल मशीन (Gang drill Machine)
इसमें एक साथ बहुत सरे ड्रिल head होते है जिसे एक bar में ही फिक्स कर दिया जाता जिससे की ये आसानी से एक ही समय में बिभिन्न साइज का ड्रिल कर सकता है।
इससे समय का बचत होता है , जिससे की जयादा से जयादा काम करने में सक्षम होता है।
हैमर ड्रिल मशीन (Hammer Drill Machine)
इसे इम्पैक्ट ड्रिल मशीन भी कहते है जो बहुत ही हार्ड मटेरियल जैसे की किसी कंक्रीट , पत्थर , दीवार इत्यादि में ड्रिल करने के लिए उपयोग किया जाता है।
ड्रिलिंग मशीन पर किया जाने वाला सम्बंधित काम
ड्रिलिंग मशीन पर होल के अलावा बहुत कुछ काम किये जाते है जैसे की कोर ड्रिलिंग , स्टेप ड्रिलिंग , काउंटर बोरिंग , काउंटर सिंकिंग ,रीमिंग ,टैपिंग।
कोर ड्रिलिंग (Core Drilling)
जब हम कोर की मदद से होल करते है तो होल उतना स्मूथ नहीं होता है उसे साफ या स्मूथ करने के लिए एक स्पेशल प्रकार की ड्रिल की जरुरत होती है , ये हम कोर ड्रिलिंग कहते है।
स्टेप ड्रिलिंग (Step Drilling)
वैसा ड्रिलिंग जिसमे हम एक से जयादा व्यास वाली ड्रिल का इस्तेमाल करते है उसे स्टेप ड्रिलिंग कहते है।
इसमें ड्रिल बिट change किये बिना अलग अलग व्यास के job कर सकते है। जिससे की हमारा ऑपरेशन कॉस्ट और समय दोनों बचता है।
काउंटर बोरिंग (Counter Boring)
आमतौर पर काउंटर बोरिंग प्रोसेस से मौजूदा होल के साथ उसे और बढ़ा सकते है या उसे आयताकार शेप या गोलाकार आकर में बना सकते है।
काउंटर सिंकिंग (Counter Sinking)
काउंटर सिंकिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो एक शंकु के आकार का छेद बनाती है जिससे की काउंटरसंक-हेड स्क्रू के सिर को फ्लश या सतह के नीचे बैठ सके।
रीमिंग (Reaming)
ये एक ऐसा ऑपरेशन जिसमे होल का साइज को इम्प्रूव किया जाता है और पिछले होल को एक फिनिशिंग रूप दिया जाता है।
रीमिंग के लिए ड्रिल मशीन के साथ मशीन reamer का उपयोग किया जाता है।
और जयादातर हाथ , मशीन और shell reamer का उपयोग किया जाता है।
टैपिंग (Tapping)
टैपिंग एक ऐसा प्रोसेस है जिससे होल के अंदर थ्रेड बनाया जाता है , जिससे की कैप स्क्रू या बोल्ट उसमे फस सके।
टैपिंग से nut में भी थ्रेडिंग किया जाता है।
टैपिंग के समय आयल का उपयोग किया जाता है जिससे थ्रेडिंग स्मूथली होता है , थ्रेड साफ बनता है और आवाज नहीं आती है।
Conclusion: दोस्तों आज हमने ड्रिलिंग मशीन क्या है ? ड्रिल मशीन कितने प्रकार के होते है ? ड्रिलिंग मशीन से हम क्या क्या काम कर सकते है ? समझा।
यदि फिर भी ड्रिलिंग मशीन से सम्बंधित कोई प्रश्न या सुझाव हो तो हमारे साथ जरूर शेयर करे।
और हाँ दोस्तों आज का आर्टिकल कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करे।