बैटरी क्या है ? बैटरी के प्रकार और उपयोग

नमस्कार दोस्तों; हमारे दैनिक गतिविधि में हम ऐसा बहुत सामान उपयोग करते है  जिसमे बैटरी लगी होती है  , जैसे की हमारा टेलीविज़न का रिमोट , मोबाइल फ़ोन , लैपटॉप, बच्चों की खिलौने,कार , ट्रक इत्यादि।

लेकिन यदि आपसे मैं ये पुछु की क्या सब मे एक ही बैटरी होता है ! 

इसका उत्तर आपका होगा नहीं , क्योंकि आप देखते होंगे अलग अलग वस्तु में अलग अलग प्रकार के बैटरी लगे होते है, कुछ बैटरी ऐसा होता है जिसे हम बार बार चार्ज करके आसानी से लम्बे समय तक उपयोग करते है।  

और कुछ बैटरी ऐसा होता है जिसे बार बार चार्ज नहीं कर सकते , वो पहले से ही चार्ज होता है। 

इसीलिए आज हम इस आर्टिकल में विस्तार से बैटरी के बारे में समझेंगे। 

 

तो आईये विस्तार से समझते है – 

बैटरी क्या है ?

बैटरी एक पावर का श्रोत है जिसमे एक या एक से जयादा विद्युत रासायनिक सेल होता है। जो आमतौर पर रासयनिक ऊर्जा को सीधे इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में रूपांतरित करता है।

बैटरी का सामान्यतः उपयोग घडी , टोर्च , मोबाइल फ़ोन , व्हीकल , कम्प्यूटर्स , लैपटॉप इत्यादि में होता है।

बैटरीज सामान्यतः विद्युत शक्ति की आपूर्ति प्रत्यक्ष धारा के रूप में करती है , तब इसका धनात्मक टर्मिनल कैथोड होता है और इसका ऋणात्मक टर्मिनल एनोड होता है।

आजकल बैटरीज बिभिन्न आकर और शक्ति के बाजार में उपलब्ध है जैसे की आपके मोबाइल फ़ोन और घडी में पतला सेल होता है , लैपटॉप या कंप्यूटर में लिथियम आयन बैटरी होता है। 

और वही बात करे बड़े बड़े व्हीकल की तो उसमे लीड एसिड बैटरीज आपको देखने को मिलेगा।

 

बैटरी के बिभिन्न प्रकार

बैटरी को मुख्यतः दो श्रेणी में रखा गया है –

  1. प्राइमरी बैटरी
  2. सेकंडरी बैटरी

1.प्राइमरी बैटरी

प्राइमरी बैटरी को सिंगल use बैटरी या डिस्पोजेबल बैटरी भी कहा जाता है क्योंकि प्राइमरी बैटरी को सिर्फ एकबार ही उपयोग किया जा सकता है ,इसे डिस्चार्ज होने के बाद फिर से चार्ज कर के उपयोग में नहीं ला सकते है। 

आमतौर पर प्राइमरी बैटरी में डिस्चार्ज के दौरान इलेक्ट्रोड सामग्री अपरिवर्तनीय रूप से बदल जाती है , जिसे की रिस्टोर करना मुश्किल होता है। 

प्राइमरी बैटरी का सबसे अच्छा उदाहरण है एल्कलाइन बैटरीज। 

प्राइमरी बैटरी के प्रकार

प्राइमरी बैटरी बहुत प्रकार की होती है लेकिन आज हम इस आर्टिकल में वैसे प्राइमरी बैटरीज को समझेंगे जो आमतौर पर उपयोग में आता है। 

जो की इस प्रकार से है –

  • एल्कलाइन बैटरी ( Alkaline Battery )
  • ड्राई बैटरी ( Dry Battery )
एल्कलाइन बैटरी ( Alkaline Battery )

एल्कलाइन बैटरी में पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड का क्षारीय इलेक्ट्रोलाइट होता है। इसमें आमतौर पर जिंक मेटल और  मैंगनीज डाइऑक्साइड के बिच रिएक्शन होता है , जिससे की ऊर्जा उत्पन्न होता है। 

एल्कलाइन बैटरी का उपयोग सामान्यतः घरेलु उपयोग में होता है जैसे की डिजिटल कैमरा , टोर्च , MP3 प्लेयर , टॉयज इत्यादि। 

ड्राई बैटरी ( Dry Battery )

ड्राई बैटरी , प्राइमरी बैटरी के श्रेणी में आता है जो आमतौर पर पोर्टेबल विद्युत उपकरण में उपयोग किया जाता है। 

ड्राई बैटरीज में एक पेस्ट इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग किया जाता है जिससे की इसमें सिर्फ उतना ही नमी हो जिससे की करंट आसानी से प्रवाहित हो सके।

 

2.सेकंडरी बैटरीज

सेकंडरी बैटरी एक या एक से जयादा बार डिस्चार्ज हो सकता है और उसे रिचार्ज भी आसानी से किया जा सकता है।

सेकंडरी बैटरी में भी इलेक्ट्रोड सामग्री अपरिवर्तनीय रूप से बदल जाती है , लेकिन इसमें reverse करंट के द्वारा रिस्टोर करना आसान होता है।

सेकंड बैटरीज का उपयोग जयादातर हमारे मोबाइल फ़ोन , लैपटॉप , कंप्यूटर , व्हीकल इत्यादि में होता है।

सेकंडरी बैटरी के प्रकार

सेकंडरी बैटरी बहुत प्रकार की होती है लेकिन आज हम इस आर्टिकल में वैसे सेकंडरी बैटरीज को समझेंगे जो आमतौर पर उपयोग में आता है। 

  • लीड एसिड बैटरी (Lead -acid Battery )
  • लिथियम आयन बैटरी ( Lithium -ion Battery )

लीड एसिड बैटरी ( Lead Acid Battery )

लीड एसिड बैटरी सबसे पहला रिचार्जेबल बैटरी है जो सन 1859 में फ्रांस के गेस्टों प्लाण्टे के द्वारा आविष्कार किया गया था। 

लीड एसिड बैटरी में ऊर्जा का घनत्व कम होता है लेकिन उच्च वृद्धि धाराओं की आपूर्ति करने की क्षमता होता है , और लीड एसिड बैटरी अपेक्षाकृत दूसरे बैटरी से सस्ते भी होते है।

लीड एसिड बैटरी का घटक

कंटेनर ( Container )

लीड एसिड बैटरी में कंटेनर के अंदर प्लेट्स , इलेक्ट्रोलाइट , सेपरेटर इत्यादि होता है जो आमतौर पर ग्लास , मोल्डेड प्लास्टिक , सिरेमिक्स इत्यादि मटेरियल से बना होता है जो इलेक्ट्रोलाइट को डिस्चार्ज होने से रोकता है। 

कंटेनर के निचे चार रिब्स होते है जिस पर दो पॉजिटिव प्लेट्स और दो नेगेटिव प्लेट्स होते है। प्लेट्स को सपोर्ट के लिए प्रिज्म होता है जो शार्ट सर्किट से भी बचता है। 

प्लेट्स ( Plates )

लीड एसिड बैटरी में प्लेट्स आमतौर दो प्रकार की होती है एक पोस्टिव प्लेट्स और एक नेगेटिव प्लेट्स जो जयादातर लीड या सक्रिय सामग्री से बना होता है।

सेपरेटर ( Separator )

लीड एसिड बैटरी में सेपरेटर रबर, लकड़ी , सेल्यूलोस , पवस इत्यादि कुचालक मटेरियल का बना होता है जो एक पतला शीट्स जैसे होता है।  

ये आमतौर पर पॉजिटिव प्लेट्स और नेगेटिव प्लेट्स के बिच में होती है, जिससे की दोनों प्लेट्स आपस में न सटे और शार्ट सर्किट न हो। 

बैटरी टर्मिनल (Battery Terminal )

आमतौर बैटरी में दो टर्मिनल होते है एक पॉजिटिव टर्मिनल और दूसरा नेगेटिव टर्मिनल। पॉजिटिव टर्मिनल अपेक्षाकृत नेगेटिव टर्मिनल से बड़ा होता है। 

लीड एसिड बैटरी के प्रकार

लीड एसिड बैटरी मुख्यतः चार प्रकार के होते है , जो की इस प्रकार से है –

  • डीप साइकिल बैटरी (Deep cycle Battery)
  • जेल बैटरी ( Gel Battery)
  • VRLA बैटरी ( Valve Regulated Lead Acid Battery)
  • AGM बैटरी ( Absorbent Glass Mat Battery )

 

लिथियम आयन बैटरी ( Lithium -Ion Battery )

लिथियम आयन बैटरी को ली-आयन बैटरी भी कहा जाता है जो आमतौर पर ऑटोमोटिव और एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के अनुप्रयोग में उपयोग किया जाता है। 

लिथियम आयन बैटरी में पॉजिटिव इलेक्ट्रोड , नेगेटिव इलेक्ट्रोड और इलेक्ट्रोलाइट होते है।

लिथियम आयन बैटरी में डिस्चार्ज के दौरान इलेक्ट्रोलाइट के द्वारा लिथियम आयन नेगेटिव इलेक्ट्रोड से पॉजिटिव इलेक्ट्रोड में चले जाते है और जैसे ही चार्ज करते है ये वापस पॉजिटिव से नेगेटिव इलेक्ट्रोड में आ जाते है। 

 

Conclusion: दोस्तों आज हमने बैटरी क्या है और बैटरी के प्रकार के बारे में समझा।

यदि बैटरी से सम्बंधित कोई और प्रश्न या सुझाव हो तो हमारे साथ जरूर शेयर करे।

और हाँ दोस्तों आज का आर्टिकल कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करे। 

 

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