नमस्कार दोस्तों ; आजकल इतना टेक्नोलॉजी आगे हो गयी है नई टेक्नोलॉजी की बात करे तो जैसे की स्मार्ट फ़ोन , स्मार्ट टेलीविजन , इलेक्ट्रिक कार , रोबोट इत्यादि।
लेकिन आपने कभी सोचा है ये जितना भी टेक्नोलॉजी है क्या बिना इलेक्ट्रिसिटी के संभव होता !
नहीं ना आजकल जितना टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही इलेक्ट्रिसिटी का खपत भी बढ़ता जा रहा है और नए नए इलेक्ट्रिसिटी उत्पन करने की भी तकनीक आ रही है उसी तकनीक में से एक तकनीक है टर्बाइन के द्वारा इलेक्ट्रिसिटी उत्पन करना।
इसीलिए आज समझेंगे टर्बाइन के बारे में टर्बाइन क्या है ? ये कितने प्रकार के होते है ?
तो आईये समझते है –
टर्बाइन क्या है ?
टर्बाइन एक घुमाने वाला एक यांत्रिक उपकरण है जो किसी भी तरल पदार्थ के प्रवाह से ऊर्जा प्रदान करता है और इसे उपयोगी कार्य में परिवर्तित करता है।
आमतौर पर टर्बाइन को एक टर्बोमशीन भी कहा जाता है जिसमें एक गतिमान भाग होता है जिसे रोटर असेंबली कहा जाता है, जिसमें ब्लेड लगे होते हैं।
सबसे पहले फ्रांस के माइनिंग इंजीनियर क्लाउड बर्डिन ने टर्बाइन शब्द का खोज किया था। उसके बाद उन्ही के छात्र बेनोइट फौर्नियरों ने सबसे पहला वाटर टर्बाइन बनाया।
बेनोइट फौर्नियरों को वाटर टर्बाइन का जनक भी कहा जाता है क्योंकि वाटर टर्बाइन के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है।
टर्बाइन के प्रकार
वैसे तो टर्बाइन बहुत प्रकार के होते है लेकिन आज हम समझेंगे वैसे टर्बाइन के बारे में जो जयादातर उपयोग में आते है जैसे की –
1. गैस टर्बाइन ( Gas Turbine )
2. भाप टर्बाइन ( Steam Turbine )
3. पवन टर्बाइन ( Wind Turbine )
4. जल टर्बाइन ( Water Turbine )
तो आईये विस्तार से समझते है इन टर्बाइन के बारे में –
गैस टर्बाइन ( Gas Turbine )
एक गैस टर्बाइन, जिसे दहन टर्बाइन भी कहा जाता है। गैस टर्बाइन सामान्यतः ब्रेटन चक्र पर काम करता है जिसमें हवा तरल पदार्थ के रूप में काम करती है।
जहां संपीड़ित हवा को ईंधन के साथ मिलाया जाता है, और लगातार उच्च दबाव पर जलाया जाता है। उससे जो गर्म गैस उत्पन होती है वो एक टरबाइन में प्रवेश करती है, जिससे की एक शाफ्ट कार्य उत्पादन करता है।
एक गैस टर्बाइन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जन किये बिना बिजली उत्पादन के लिए सबसे अच्छा और स्वच्छ साधन माना जाता हैं।
गैस टर्बाइनों की क्षमता आमतौर पर 500kW से 250MW तक हो सकती है।
गैस टर्बाइन का उपयोग सामान्यतः ट्रेन, जहाज, विद्युत जनरेटर, पंप इत्यादि में बिजली देने के लिया किया जाता है।
भाप टर्बाइन ( Steam Turbine )
भाप टर्बाइन एक ऐसा यन्त्र है जिसमे ऊष्मा स्रोत जैसे की गैस , कोयला , हस्क इत्यादि का उपयोग करके पानी को उच्च तापमान तक गर्म किया जाता है।
पानी को तब तक गर्म किया जाता है जबतक कि यह भाप में परिवर्तित न हो जाए।
जैसे ही यह भाप टर्बाइन के घूमते हुए ब्लेड से टकराती है, भाप फैलती है और धीरे धीरे इसका तापमान कम हो जाता है और ठंडी होने लगती है।
जिससे की भाप की स्थितिज ऊर्जा टर्बाइन के ब्लेड में गतिज ऊर्जा में बदल जाती है और टर्बाइन एक जनरेटर से एक धुरी से जुड़े होते हैं, जो एक चुंबकीय क्षेत्र के माध्यम से बिजली बनाती है।
Steam क्या है ? Steam कैसे बनता है ?
पवन टर्बाइन ( Wind Turbine )
टर्बाइन के द्वारा इलेक्ट्रिसिटी उत्पन करने के विधि में पवन टर्बाइन सबसे आसान विधि होता है जिसे हम आमतौर पर पवन चक्की भी कहते है
ये सामान्यतः खुली हवा की गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
इसमें सामानयतः दो या तीन प्रोपेलर जैसे ब्लेड होते है जो तेज हवा के साथ घुमती है और रोटर मुख्य शाफ्ट से जुड़ा होता है, जो बिजली बनाने के लिए जनरेटर से जुड़ा होता है।
पवन टर्बाइन क्षैतिज या ऊर्ध्वाधर हो सकता है।
जल टर्बाइन ( Water Turbine )
इलेक्ट्रिसिटी उत्पन करने के लिए वाटर टर्बाइन सबसे जयादा प्रयोग किये जाने वाला विधि है ये पानी की गतिज ऊर्जा और संभावित ऊर्जा को यांत्रिक कार्य में परिवर्तित करता है।
इसमें उच्च दबाब वाला पानी इसके ब्लेड के ऊपर छोरा जाता है जिससे की ब्लेड में गतिज ऊर्जा उत्पन होती है जो बिजली बनाने के लिए जनरेटर से जुड़ा होता है।
आजकल जयादातर इंडस्ट्रीज में जल टर्बाइन के द्वारा ही बिजली की आपूर्ति किया जा रहा है। जल टर्बाइन का उपयोग जयादातर पहाड़ी इलाका में किया जाता है क्योंकि वहां पानी प्रयाप्त मात्रा में होता है।
👉 Condenser क्या है ? Condenser कितने प्रकार के होते है ?
👉 Electric Steam Boiler क्या है ? ये कैसे काम करता है ?
Conclusion :आशा करता हूँ दोस्तों आपको टर्बाइन से सम्बंधित सारे सवालों का जवाब आपको मिल गया होगा।
यदि फिर भी आपके मन में कोई सवाल हो या कोई confusion हो तो कमेंट करके जरूर बताये।
और दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।