नमस्कार दोस्तों; इससे पिछले आर्टिकल में आपलोगो ने वाटर पंप के बारे में समझा था , आज हम एक और पंप के बारे में समझेंगे जो जयादातर waste water प्लांट या हमारे घर या खेतो में उपयोग में आते है।
केन्द्रापसारक पंप का नाम आपलोग सुने होंगे या देखे होंगे , आज हम केन्द्रापसारक पंप को विस्तार से जानेंगे।
तो आईये समझते है –
केन्द्रापसारक पम्प क्या है ?
केन्द्रापसारक पंप आमतौर पर द्रव प्रवाह के लिए इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा उत्पन्न गतिज ऊर्जा को हाइड्रोडायनामिक ऊर्जा में बदलता है। इसमें High flow rate के साथ साथ मिश्रण क्षमता अच्छा होता है।
इसीलिए इसका उपयोग जयादातर पेट्रोकेमिकल , एग्रीकल्चर , sewage प्लांट इत्यादि में होता है।
ये जयादातर कम viscosity वाला द्रव के लिए उपयोग किया जाता है जिसमे ये द्रव का प्रवाह को निम्न स्तर से उच्च स्तर तक बढ़ाता है।
आपने वैक्यूम क्लीनर देखा होगा , वैक्यूम क्लीनर में भी केन्द्रापसारक फैन का उपयोग किया जाता है या फिर आपने वाटर टरबाइन का नाम सुना होगा उसमे भी केन्द्रापसारक पंप का उपयोग होता है लेकिन वहां ये पानी के संभावित ऊर्जा को यांत्रिक गतिज ऊर्जा में बदलता है।
केन्द्रापसारक पम्प के मुख्य भाग :
इम्पेलर ( Impeller ) :
ये आमतौर पर एक रोटर है जो एक शाफ़्ट के ऊपर होता है जो द्रव प्रवाह की गतिज ऊर्जा को बढ़ाने का काम करता है।
केसिंग ( Casing ) :
ये एक प्रेशर कन्टेनमेंट वेसल जैसा काम करता है जो पम्प के अंदर और बाहर द्रव के प्रवाह को निर्देशित करता है।
शाफ़्ट ( Shaft ) :
ये यांत्रिक घटक है जिसके ऊपर इम्पेलर होता है जो मोटर से इम्पेलर तक torque का संचालन करता है।
ये कैसे काम करता है ?
इसका काम करने का तंत्र बहुत ही साधारण होता है जिसमे ऊर्जा का बदलाव सामान्यतः इम्पेलर और केसिंग के द्वारा होता है।
इसमें सबसे पहले द्रव अक्षीय रूप से पंप के केस द्वारा इम्पेलर के ब्लेड पर आता है और फिर ये इम्पेलर ब्लेड रेडियल रूप से बाहर की ओर घूमता है।
और तबतक घूमता रहता है जब तक की द्रव इम्पेलर से केसिंग के डिफ्यूजर भाग तक नहीं आता है । और जब ये द्रव इम्पेलर से गुजरता है तो द्रव का वेग और दबाब उच्च होता है।
केन्द्रापसारक पंप के प्रकार :
आमतौर पर केन्द्रापसारक पंप का प्रकार बहुत कुछ फैक्टर पर निर्भर करता है जैसी की अनुप्रयोग , डिज़ाइन , निर्माण , केसिंग ,इम्पेलर की संख्या , शाफ़्ट इत्यादि।
लेकिन मुख्य रूप से बाजार में दो प्रकार के केन्द्रपसारक पंप देखने को मिल जायेंगे , एक इम्पेलर की संख्या वाले और दूसरा शाफ़्ट ओरिएंटेशन वाले।
तो आईये समझते है –
इम्पेलर की संख्या के आधार पर केन्द्रापसारक पंप मुख्यतः 3 प्रकार के होते है –
- सिंगल स्टेज पंप ( Single Stage Pump )
- डबल स्टेज पंप ( Double Stage Pump )
- मल्टी स्टेज पंप ( Multi Stage Pump )
1. सिंगल स्टेज पंप ( Single Stage Pump ) :
इसमें सिर्फ एक इम्पेलर होता है जो आमतौर पर हाई फ्लो रेट और कम दबाब वाले अनुप्रयोग में उपयोग किये जाते है।
2. डबल स्टेज पंप ( Double Stage Pump ):
इसमें दो इम्पेलर होता है,जो आमतौर पर वैसे पम्पिंग अनुप्रयोग में उपयोग किया जाते है,जहां टोटल डायनामिक हेड ( TDH ) मध्यम हो।
3. मल्टी स्टेज पंप ( Multi Stage Pump ) :
इसमें दो या दो से जयादा इम्पेलर होता है,जो आमतौर पर वैसे पम्पिंग अनुप्रयोग में उपयोग किया जाते है,जहां टोटल डायनामिक हेड ( TDH ) जयादा हो।
Shaft ओरिएंटेशन के आधार पर :
1.क्षैतिज पंप ( Horizontal Pump )
2.ऊर्ध्वाधर पंप ( Vertical Pump )
1.क्षैतिज पंप ( Horizontal Pump ):
क्षैतिज केन्द्रापसारक पंप में shaft क्षैतिज समक्षेत्र में होते है , जो जयादातर कम हेड वाली आवश्यकता में उपयोग में आते है और ये अधिकांश इनडोर इंस्टॉलेशन के लिए उपयुक्त होता है क्योंकि इसका मेंटेनेंस करना आसान होता है।
2.ऊर्ध्वाधर पंप ( Vertical Pump ):
ऊर्ध्वाधर केन्द्रापसारक पंप में shaft ऊर्ध्वाधर समक्षेत्र में होते है जो जयादातर जयादा हेड वाली आवश्यकता में उपयोग में आते है और ये अधिकांश आउटडोर इंस्टॉलेशन के लिए उपयुक्त होता है।
Conclusion: दोस्तों आज हमने केन्द्रापसारक पंप क्या है ? केन्द्रापसारक पंप कैसे काम करता है ? और इसके प्रकार समझा।
यदि फिर भी केन्द्रापसारक पंप से सम्बंधित कोई प्रश्न या सुझाव हो तो हमारे साथ जरूर शेयर करे।
और हाँ दोस्तों आज का आर्टिकल कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करे।