नमस्कार दोस्तों ; आप देखते होंगे घर या इंडस्ट्रीज में जब बहुत जयादा कचरा हो जाता है तो उसे compaction किया जाता है।
जयादातर कचरे को compaction करने के लिए कचरा कम्पेक्टर का उपयोग किया जाता है।
आप देखते होंगे अलग अलग जगह का मिट्टी अलग अलग प्रकार का होता है , और मिट्टी को compaction करने का विधि भी अलग अलग प्रकार का होता है।
इसीलिए आज हम इस आर्टिकल में समझेंगे कम्पेक्टर क्या है ? कम्पेक्टर का उपयोग और मिट्टी को compaction करने के लिए उपयोग में आने वाले कम्पेक्टर के प्रकार के बारे में।
तो आईये विस्तार से समझते है –
कम्पेक्टर क्या है ?
कम्पेक्टर एक मशीन या तंत्र है जिसका उपयोग जयादातर सामग्री के आकार को कम करने के लिए किया जाता है जैसे कि संघनन के माध्यम से बायोमास और अपशिष्ट पदार्थ का किया जाता है।
आपने घर या इंडस्ट्रीज के उत्पादित कचरे की मात्रा को कम करने के लिए कम्पेक्टर का उपयोग करते देखा होगा , वो एक प्रकार का ट्रैश कम्पेक्टर होता है।
कम्पेक्टर के प्रकार :
मिट्टी संघनन में उपयोग होने वाली कम्पेक्टर इस प्रकार से है –
- स्मूथेड व्हिल्ड रोलर्स ( Smoothed Wheeled Rollers )
- सिलेंड्रिकल रोलर्स ( Cylindrical Rollers )
- ग्रिड रोलर्स ( Grid Rollers )
- वायवीय रोलर्स ( Pneumatics Rollers )
- शीपफूट रोलर्स ( Sheep Foot Rollers )
- कांपनेवाला रोलर्स ( Vibrating Rollers )
स्मूथेड व्हिल्ड रोलर्स ( Smoothed Wheeled Rollers )
ये कम्पेक्टर संघनन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण में से एक है।आमतौर पर इसे स्थिर रोलर्स कहा जाता है।
इसमें आगे बड़े स्टील ड्रम और पीछे के सिरे पर जयादातर एक या दो पहिया होते हैं। इसका वेट रेंज 8 से 10 टन के बिच में होता है।
स्मूथेड व्हिल्ड रोलर्स मुख्यतः दो प्रकार के होते है –
- सिंगल ड्रम रोलर्स ( Single drum Rollers )
- डबल ड्रम रोलर्स ( Double Drum Rollers )
सिंगल ड्रम रोलर्स ( Single Drum Rollers )
ये सबसे आम हैवी ड्यूटी मशीनरी में आता है। जिसे थ्री व्हिल्ड रोलर्स भी कहा जाता है। जयादातर सिंगल ड्रम रोलर्स ही देखते होंगे , इसमें आमतौर पर आगे एक स्टील ड्रम और पीछे तो दो विशेष पहिये होते हैं।
सिंगल ड्रम रोलर्स जयादातर छोटे आकार के होते है जिससे की इसका उपयोग तंग जगहों पर भी आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
डबल ड्रम रोलर्स ( Double Drum Rollers )
डबल ड्रम वाले रोलर्स को टैंडेम रोलर्स भी कहा जाता है , जिसमे एक स्टील का ड्रम आगे और एक पीछे होता है। जैसे ही एक साथ दोनों ड्रम मूव होता है वैसे ही रोलर मूव करने लगता है।
ये रोलर्स फ्लैट या क्रमिक सतहों जैसे एस्फाल्ट के लिए बहुत अच्छे होते हैं, क्योंकि इसमें बहुत कम संकर्षण होता है।
सिलेंड्रिकल रोलर्स ( Cylindrical Rollers )
सिलेंड्रिकल रोलर्स को वॉक-बैक रोलर भी कहा जाता है , क्योंकि ये दूसरे रोलर के अपेक्षा हलके होते है , जिसे एक व्यक्ति द्वारा आसानी से धकेला जा सकता है।
सिलेंड्रिकल रोलर्स आमतौर पर 1 से 3 मीटर व्यास के होते हैं जो जयदतर लोहे या पत्थर से बने होते हैं। इसका उपयोग जयादातर छोटी और निजी परियोजनाओं के लिए किया जाता है।
ग्रिड रोलर्स ( Grid Rollers )
आमतौर पर ग्रिड रोलर्स एक प्रकार का ऐसा रोलर है जिसमें स्टील बार का नेटवर्क बना होता है, जो स्टील ड्रम पर ग्रिड जैसा पैटर्न बनाता है।
इसका वजन लगभग 6 टन से 16 टन के बिच में होता है जो आमतौर पर ट्रैक्टर या किसी अन्य भारी मशीन के पीछे से खींचे जाते हैं।
ग्रिड रोलर्स का उपयोग अच्छी तरह से वर्गीकृत मिट्टी, मोटे मिट्टी, अपक्षय चट्टानों और उप-आधार सड़क निर्माण इत्यादि के लिए किया जाता है।
वायवीय रोलर्स ( Pneumatics Rollers )
वायवीय रोलर को pneumatic tyre रोलर भी कहा जाता है , क्योंकि इसमें आगे या पीछे के छोर पर रबर के टायरों की कई पंक्तियाँ होती है। जो एक समान दबाव प्रदान करती हैं।
इसका वजन लगभग 10 से 25 टन के बिच में होता है , जिससे हम बढ़ा भी सकते है।
इसका उपयोग जयादातर फुटपाथ या फिर किसी परियोजना को पोलिश करने में किया जाता है। लेकिन ये ठन्डे बिटुमिनस और ढीली मिट्टी की परतों के लिए भी बहुत जयादा उपयोगी होते है।
शीपफूट रोलर्स ( Sheep Foot Rollers )
इसे पैडफुट या टैंपिंग रोलर्स भी कहा जाता है , इसमें आयताकार-आकार के लग्स होते है।
इसका उपयोग जयादातर सड़क निर्माण कार्य में मिट्टी और सिल्की मिट्टी को जमाने के लिए किया जाता है।
या फिर गीली मिट्टी या अन्य महीन दाने वाली मिट्टी में जयादा गहराई के लिए इस प्रकार के रोलर का उपयोग किया जाता है।
अच्छे संघनन के लिए पानी , नम रेत या स्टील अनुभागों को और जयादा बढ़ा कर इसका वजन बढ़ाया जा सकता है।
कांपनेवाला रोलर्स ( Vibrating Rollers )
ये रोलर स्मूथ व्हील रोलर के जैसे ही होते है इसमें मुख्यतः कांपनेवाला कॉम्पोनेन्ट होते है जो , संघनन या समतल करते समय कंपन करता है जैसे की वाइब्रेटिंग प्लेट कम्पेक्टर।
वाइब्रेटिंग प्लेट कम्पेक्टर ( Vibrating Plate Compactor )
वाइब्रेटरी प्लेट कम्पेक्टर का उपयोग जयदतर विभिन्न प्रकार की मिट्टी के घनत्व को बढ़ाने और किसी भी रिक्त स्थान को भरने के लिए किया जाता है। इसका वजन लगभग 100 kg से 3 टन के बिच में होता है।
कम्पेक्टर का उपयोग
कम्पेक्टर का उपयोग अलग अलग फील्ड में अलग अलग प्रकार से किया जाता है जैसे की –
कृषि उपयोग के लिए
कृषि में सबसे महत्वपूर्ण होता है पशुपालन , पशुपालन के लिए चारा को संरक्षित या फिर स्टोर करने के लिए कम्पेक्टर का उपयोग किया जाता है।
जयादातर बेलर-रैपर कॉम्पेक्टर्स का उपयोग किया जाता है जो चारा से ऑक्सीजन को बाहर करने का काम करता है और फिर इसे वायुरोधी फिल्म में लपटने का भी काम करता है।
नगरपालिका उपयोग के लिए
नगरपालिका उपयोग के लिए सोलर पावर वाली ट्रैश कम्पेक्टर होता है जो लगभग 200 गैलन कचरे को आसानी से स्टोर कर सकता है। जिससे लैंडफिल के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
निर्माण उद्योग के लिए
आप निर्माण स्थल पर देखते होंगे छोटे छोटे पत्थर या फिर मिटटी को दबाने या तोड़ने के लिए अलग अलग कम्पेक्टर का उपयोग किया जाता है। लेकिन निर्माण उद्योग में मुख्यतः तीन प्रकार के कम्पेक्टर का उपयोग किया जाता है जो की इस प्रकार से है –
- प्लेट कम्पेक्टर ( Plate Compactor )
- रैमर कम्पेक्टर ( Rammer Compactor )
- रोड रोलर ( Road Roller )
प्लेट कम्पेक्टर
एक प्लेट कम्पेक्टर का उपयोग निर्माण परियोजनाओं के लिए मिट्टी और बजरी को दबाने के लिए किया जाता है जिसके लिए एक स्थिर उपसतह की आवश्यकता होती है।
प्लेट कम्पेक्टर विभिन्न accessories के साथ कई अलग-अलग डिज़ाइनों में आते हैं, लेकिन प्लेट कम्पेक्टर का प्रमुख विशेषताएं ये है की ये स्थिर होता हैं।
मशीन का कोर एक भारी, सपाट प्लेट होता है जो मशीन के बंद होने पर जमीन पर टिकी होती है। प्लेट को गैसोलीन या डीजल इंजन के साथ ऊपर और नीचे चलाया या कंपन किया जा सकता है।
रैमर कम्पेक्टर
रैमर कम्पेक्टर का उपयोग आमतौर पर सभी प्रकार की मिट्टी को मध्यम और गहरी परतों में, खाइयों, नींवों, बैकफिल आदि में आसानी से जमा करने के लिए किया सकता है। यह सीमित क्षेत्रों में संघनन कार्य के लिए और जहाँ उच्च संघनन घनत्व की आवश्यकता होती है वहां उपयोगी होता है
रोड रोलर
रोड रोलर एक प्रकार का इंजीनियरिंग वाहन है इसका उपयोग सड़कों और नींव के निर्माण में मिट्टी, बजरी, कंक्रीट को कॉम्पैक्ट करने के लिए किया जाता है। और कुछ ऐसे भी रोलर्स होते है जिसका उपयोग लैंडफिल या कृषि में भी किया जाता है।
पहले रोड रोलर केरोसिन तेल पावर का उपयोग करके चलता था लेकिन आजकल जयादातर उपयोग में आने वाले लगभग सभी रोड रोलर्स डीजल पावर का उपयोग करते हैं।
Conclusion: दोस्तों आज हमने कम्पेक्टर क्या है , कम्पेक्टर के प्रकार और कम्पेक्टर के उपयोग को समझा।
यदि कम्पेक्टर से सम्बंधित कोई और प्रश्न या सुझाव हो तो हमारे साथ जरूर शेयर करे।
और हाँ दोस्तों आज का आर्टिकल कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करे।